Sunday, January 20, 2013

आदतन तुम ने कर दिये वादे
आदतन हम ने ऐतबार किया

तेरी राहों में हर बार रुक कर
हम ने अपना ही इन्तज़ार किया

अब ना माँगेंगे जिन्दगी या रब
ये गुनाह हम ने एक बार किया.....

~ Gulzar Saahab ~

थे अकेले पहले खुद से करते थे,
आदतन हमने तुमसे प्यार किया,
न भूले है न भूलेंगे ,
जो हस कर तुमने मुझे लाचार किया,
अब तो है ज़िंदगी रुक सी गयी ,
तुम्हारी शिकायतें भी थम सी गयी,
जब से तुमने मेरी दुनिया को पार किया,
क्या कहें तुमसे,
सुकून ऐसे ही मिल जाता है जब,
की ज़िंदगी को अपनी खुद पे वार दिया
हसी है क्या आदत ही नहीं रही जब ,
आदतन हमने अब दर्द लिया
तुम तो हस्ते हो ऐसे ही हस्ते रहना ,
हमने किया जो सज़ा भी मिले हमे
कहा खुद से कई बार ,
सुना हो या न सुना हो तुमने
अब ना माँगेंगे जिन्दगी या रब
ये गुनाह हम ने एक बार किया....:))*

~ Prasneet ~


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