खूबसूरत विषय है ख़ुशी का। अपनी बात अपने अंदाज़ में कहूंगा क्योकि ख़ुशी मिलती है इससे। ख़ुशी वह है जिसे पाने के लिए लोग जीवन भर जाने कितनी कोशिशे करते है। हर किसी में अपनी ख़ुशी ढूंढते है। कभी नक़ल करते है कभी खुद के तरीके आजमाते है। घर बदलते है दोस्त बदलते है। घर के सामान तक बदलते है। कभी शादी करते है। कभी शादीशुदा ज़िन्दगी से दूर भागते है। हर तरह के लोग है सबकी अपनी अलग दुनिया है खुशियों को सेलिब्रेट करने के सबके तरीके अलग है। दोस्तों अगर महसूस कर सको तो ख़ुशी हर जगह है। आप के अपने घर में भी। गैरों के घर में भी। फेसबुक पर भी, मोबाइल के मेसेज बॉक्स पर भी। किसी को कागज़ पर पेंटिंग ब्रश चलाकर ख़ुशी मिलती है। किसी को लिखकर। किसी को गाना बहुत पसंद है। किसी को खाना बहुत पसंद है। उम्मीदें अपनी अपनी रास्ते अपने-अपने। शहर से लेकर गाँव तक। किसी मोहल्ले से लेकर खेत खलिहानो तक खुशियां ही खुशियां। बस हमें ढलना आना चाहिए। एक मज़दूर जो बिना बिस्तर के भी अपनी रात काट लेता है उसके पास भी खुशियां है। और जो शख्स नरम बिस्तर पर रात काटता है उसके पास अपनी खुशियां है। मेरी समझ से घर बदलने से। रिश्ते बदलने से खुशियां नहीं मिलती और मिल भी नहीं सकती। खुद को खुश रखने के लिए हम खुद को अकेला रखते है , मगर क्या उससे खुशियां मिल सकती है ? खुशियां मिलती है जो रिश्ते हमने बनाये है अपनों और गैरों से भी उन्हें निभाने से। क्युकी रिश्ता कोई भी हो प्रॉब्लम हर रिश्ते में आती रहती है उन्हें खूबसूरत हमें ही बनाना होता है। जो बनता है विश्वाश के बलबूते। अगर आपको भरोसा है तो आप खुश हो। घर बदलने कि जरुरत नहीं बल्कि जो समस्याएं हैं उन्हें दूर करो। जो रिश्ते बनाएं है उन्हें जीना सीखो। जहर मत घोलो। अपना दिल साफ़ रखो हमेशा खुश रहोगे दूसरों को भी आपसे कभी कोई शिकायत नहीं होगी। चोरी मत करो जो दो तरह कि होती है बातों कि चोरी यानि झूठ बोलना बोले तो fliert करना। एक होती है सामानो कि रुपये पैसे कि चोरी। वो शख्स जो झूठ बोलता है सिवाय दुःख के किसी को खुशियां नहीं दे सकता। और न ही अपनी झूठी ख़ुशी से जिंदगी बिता सकता है। सच को स्वीकार करो। हर इंसान से प्यार करो छोटा-बड़ा , कैसा भी हो और थोडा नहीं बहुत। उस हर चीज़ जो आपके आस-पास बिखरी पड़ी है वो चाहे बेजान हो या उसमे जान हो। खुश रहना है तो। मैंने तो ख़ुशी ढूंढी है शायद इसलिए यहाँ आता हूँ। कुछ दोस्त जो अजीज है मैं उन्हें अपनी ज़िन्दगी का एक हिस्सा मानता हूँ। हम एक दूसरे को मानते रहेंगे इज्जत देंगे, रिश्ते निभाते रहेंगे और खुशियां पाते रहेंगे। मेरी बातों में वैसे ऐसा कुछ तो था नहीं जो बुरा लगे But फिर भी किसी को कुछ बुरा लगा हो तो माफ़ करना। प्रसनीत ऐसा ही है।
न बदलो घर न रिश्ते ये जहां अपना है,
साथ लेकर चलो सबको हर समां अपना है ,
वक़्त करवट लेता है हर पल ,
इसमें ही ढूढ़ लो अपनी खुशियां
जी लो ज़िन्दगी
ख़ुशी के हज़ार पल कुर्बान कर
देखो फिर जीने का मज़ा ,
न होगा कोई गैर तब
दिल से मानो तो हर कोई यहाँ अपना है।
मुस्कुराते रहो हमेशा :)
~ Prasneet Yadav ~
न बदलो घर न रिश्ते ये जहां अपना है,
साथ लेकर चलो सबको हर समां अपना है ,
वक़्त करवट लेता है हर पल ,
इसमें ही ढूढ़ लो अपनी खुशियां
जी लो ज़िन्दगी
ख़ुशी के हज़ार पल कुर्बान कर
देखो फिर जीने का मज़ा ,
न होगा कोई गैर तब
दिल से मानो तो हर कोई यहाँ अपना है।
मुस्कुराते रहो हमेशा :)
~ Prasneet Yadav ~
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