पलकों पे जो छाये आशियाना बना दो,
मुझे आज फिर से दीवाना बना दो।
चोंट न लगती हो जहाँ किसी को ,
ऐसा कोई एक ज़माना बना दो।
रागिनी संग राग हो दिलवालों का साथ हो
ऐसा कोई फसाना बना दो।
खो जाऊं मै इस कदर न हो जहाँ कि फिकर
मुझे अनजाना बना दो।
ये बात बहुत कीमत रखती है मेरी खातिर,
आज घर घर सजा दो।
आने वाले है वो इंतज़ार फिर कैसा ?
दूरियां मिटा दो।
ये फूलों का मौसम है बहुत प्यारा
तुम भी अपने आँगन में
एक फूल खिला दो।
हो छोटा सा घर हँसता हुआ
पलकों पे जो छाये आशियाना बना दो,
मुझे आज फिर से दीवाना बना दो।
मुझे आज फिर से दीवाना बना दो।
चोंट न लगती हो जहाँ किसी को ,
ऐसा कोई एक ज़माना बना दो।
रागिनी संग राग हो दिलवालों का साथ हो
ऐसा कोई फसाना बना दो।
खो जाऊं मै इस कदर न हो जहाँ कि फिकर
मुझे अनजाना बना दो।
ये बात बहुत कीमत रखती है मेरी खातिर,
आज घर घर सजा दो।
आने वाले है वो इंतज़ार फिर कैसा ?
दूरियां मिटा दो।
ये फूलों का मौसम है बहुत प्यारा
तुम भी अपने आँगन में
एक फूल खिला दो।
हो छोटा सा घर हँसता हुआ
पलकों पे जो छाये आशियाना बना दो,
मुझे आज फिर से दीवाना बना दो।
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